ये बहुत ही महत्वपूर्ण है कि ब्रेन ट्यूमर से संबंधित आवश्यक जानकारी आपको पता हो ताकि आप उन लोगो की सहायता कर पाए जिनमें ब्रेन ट्यूमर के लक्षण दिख रहे हों। लगातार सिरदर्द या देर से शुरू होने वाला सिरदर्द (50 साल की आयु के बाद), उल्टी आना, अचानक आंखो में धुंधलापन आना,आपको होने वाले सिरदर्द के लक्षणों का बार बार बदलना, डबल विजन (दोहरी दृष्टि), शरीर के किसी भी भाग में कमजोरी महसूस होना और खड़े होने और चलने के दौरान असंतुलन का होना कुछ ऐसे लक्षण हैं जिनके दिखते ही आपको किसी डॉक्टर से परामर्श लेने की आवश्यकता है। ब्रेन ट्यूमर को बेहतर समझने के लिए आपको पहले ट्यूमर की कुछ जानकारी होनी जरुरी है|
ट्यूमर कोशिका की जरुरत से ज़्यादा बढ़ोतरी है| यह ट्यूमर घातक हो सकतें हैं और शारीर के किसी भी हिस्से में हो सकते हैं। यह तो नाम से ही मालूम पड़ता है की ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क में होने वाला ट्यूमर है। ब्रेन ट्यूमर दो प्रकार के होते हैं -प्राथमिक(प्राइमरी) या द्वितीयक (सेकंडरी)। प्राइमरी ब्रेन ट्यूमर वे हैं जो मस्तिष्क में उत्पन्न होते हैं। वहीं सेकंडरी ब्रेन ट्यूमर वे होते हैं जो किसी अन्य अंग से मस्तिष्क तक पहुंचते हैं। सेकंडरी ब्रेन ट्यूमर प्राइमरी ब्रेन ट्यूमर की तुलना में ज़्यादा होते हैं। तथ्य, 40% घातक ट्यूमर शरीर के अन्य भागों से मष्तिष्क तक पहुँचते हैं।
मस्तिष्क और केंद्रीय स्नायुतंत्र का ट्यूमर बच्चों में दूसरा सबसे अधिक दिखने वाला कैंसर है, यह बच्चों के कैंसर का लगभग 26% है। हलाकि ज़्यादातर ब्रेन ट्यूमर जानलेवा नहीं होते। असल में, ब्रेन ट्यूमर के सभी मामलों का एक तिहाई ही घातक होता है| आयोनाइज़िंग रेडिएशन से सम्पर्क और ब्रेन ट्यूमर का पारिवारिक इतिहास ही ब्रेन ट्यूमर का जोखिम बढ़ता है। ईलाज के बेहतर संभावना के लिए इसका शुरुआती स्टेज में पता लगाना बहुत ही महत्वपूर्ण है।
अधिकांशत: ब्रेन ट्यूमर की जांच सीटी स्कैन या एम आर आई से हो जाती है। एक बार जांच हो जाने के बाद उपचार कई प्रकार से किया जा सकता हैं। इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि ब्रेन ट्यूमर प्राथमिक (प्राईमरी) है या द्वितीयक (सेकंडरी) है। लो-ग्रेड एस्ट्रोसाइटोमा, गैंग्लिओ ग़्लीयोमा, मेनिंजीयोमा, स्वानोमा, एपिडरमोइड आदि कुछ ऐसे ब्रेन ट्यूमर हैं जिन्हें न्यूरोनवीगेशन, माइक्रोन्यूरोसर्जरी, स्कल बेस सर्जरी, इंडोस्कोपिक न्यूरोसर्जरी, गामा नाइफ, रेडियोसर्जरी और रेडियोथेरेपी के ज़रिए पूर्ण रूप से ठीक किया जा सकता है। इसलिए शीघ्र निदान अत्यंत महत्वपूर्ण है और शीघ्र निदान तभी संभव है जब लोगों को ब्रेन ट्यूमर और उसके लक्षण के बारे में जानकारी हो। इस लिहाज़ से हर साल विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस का काफ़ी महत्व है।
उपर्युक्त महत्वपूर्ण जानकारी मस्तिष्क रोग और उसके इलाज के बारे में है जो सभी लोगों को समझना बहुत ही महत्वपूर्ण है। एक मस्तिष्क रोग विशेषज्ञ के रूप में, मेरी आप सभी पाठकों से यह अपील है की एक ऐसी जीवनशैली को अपनाएं जो न केवल आपके शरीर को बल्कि आपके मस्तिष्क को भी स्वस्थ रखने में मददगार हो। यूं तो मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए बहुत सी बातें महत्वपूर्ण हैं लेकिन कम से कम आप इन बातों का ध्यान रखें:
- नियमित व्यायाम करें।
- मस्तिष्क के स्वास्थ्य वर्धक भोज्य पदार्थों का सेवन करें जैसे हरी पत्तेदार सब्जियाँ, अखरोट आदि।
- धूम्रपान और शराब से बचें।
- मानसिक रूप से सक्रिय रहने की कोशिश करें।
- तनाव से बचने को अपने जीवन में अमल करें।
डॉ. एच. पी. सिन्हा | सीनियर कंसल्टेंट – न्यूरोलॉजी | एनएच एमएमआई नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, रायपुर