Narayana Health Care
  • Cardiology
  • Gastroenterology
  • Nephrology
  • Neurology
  • Oncology
  • Book An Appointment
    • Video Consultation
    • Physical Consultation
  • English
    • Hindi
    • Bengali
Narayana Health Care
  • Cardiology
  • Gastroenterology
  • Nephrology
  • Neurology
  • Oncology
  • Book An Appointment
    • Video Consultation
    • Physical Consultation
  • English
    • Hindi
    • Bengali
Home > Blog > Neurosurgery > ब्रेन ट्यूमर के प्रबंधन में स्टीरियोटैक्टिक रेडियोसर्जरी (एसआरएस)
Neurosurgery

ब्रेन ट्यूमर के प्रबंधन में स्टीरियोटैक्टिक रेडियोसर्जरी (एसआरएस)

by Narayana Health April 13, 2021
written by Narayana Health April 13, 2021
How To Come Back After A Stroke! | Narayana Health

स्टीरियोटैक्टिक रेडियोसर्जरी क्या है?

इसके नाम के बावजूद, स्टीरियोटैक्टिक रेडियोसर्जरी (एसआरएस) मस्तिष्क में असामान्यताओं और छोटे ट्यूमर के इलाज के लिए एक गैर-सर्जिकल विकिरण चिकित्सा है।

स्टीरियोटैक्टिक रेडियोसर्जरी पारंपरिक चिकित्सा की तुलना में प्रभावित क्षेत्र में ठीक-लक्षित विकिरण को निर्देशित करने में मदद करता है। यह प्रभावित क्षेत्र के आसपास स्वस्थ ऊतकों को कम-से-कम या कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है।

स्टीरियोटैक्टिक रेडियोसर्जरी संभव हो सका इसके लिए विकिरण प्रौद्योगिकियों में हुए महत्वपूर्ण प्रगति को धन्यवाद देना चाहिए। रेडियोसर्जरी का यह रूप लक्ष्य क्षेत्र में सटीक रूप से लक्षित एक शक्तिशाली विकिरण खुराक सुनिश्चित करता है, और अगल-बगल के स्वस्थ ऊतक को विकिरण खुराक से कम क्षति पहुंचाता है। इसका उद्देश्य ट्यूमर को नष्ट करने वाली खुराक है, न कि आसपास के ऊतकों को भी नुकसान पहुंचाना।

स्टीरियोटैक्टिक रेडियोसर्जरी का उपयोग:

  • इसका उपयोग सीटी, एमआरआई, और पीईटी / सीटी जैसे तीन आयामी इमेजिंग में किया जाता है। यह शरीर के भीतर ट्यूमर या असमान्यता का पता लगाता है और इसके सटीक आकार और बनावट का विवरण देता है। ये चित्र सटीक उपचार में भी मार्गदर्शन करते हैं।
  • विकिरण बीम को विभिन्न कोणों और स्थानों से लक्ष्य क्षेत्र पर अभिसरण करने के लिए डिज़ाइन किया गया है,  जिसे किसी रोगी के साथ विकिरण चिकित्सा सत्रों के दौरान सावधानीपूर्वक तैनात किया जाता है।
  • एसआरएस का उपयोग इनवेसिव सर्जरी के लिए एक महत्वपूर्ण विकल्प के रूप में किया जाता है। खासकर उन रोगियों के लिए जो निम्न कारणों से सर्जरी करवाने में असमर्थ होते हैं: जिनके ट्यूमर तक पहुंचना मुश्किल होता है, या जिनके ट्यूमर महत्वपूर्ण अंगों / शारीरिक क्षेत्रों के करीब स्थित होते हैं, और जिनकी सर्जरी में जटिलताओं के चलते बहुत जोखिम रहता है।
  • इसे कई प्रकार के ब्रेन ट्यूमर के उपचार में उपयोग किया जाता है।
  • अन्य न्यूरोलॉजिकल स्थितियों जैसे कि ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया (चेहरे में एक तंत्रिका विकार), कंपकंपी, आदि का इलाज करने के लिए उपयोग किया जाता है।

स्टीरियोटैक्टिक रेडियोसर्जरी कैसे काम करता है:

स्टीरियोटैक्टिक रेडियोसर्जरी अनिवार्य रूप से विकिरण उपचार के अन्य तरीकों के समान तरीके से काम करता है: यह वास्तव में ट्यूमर को दूर नहीं करता है, बल्कि ट्यूमर कोशिकाओं के डीएनए को बाधित करता है। इससे तकलीफ देने वाले ट्यूमर कोशिकाओं में प्रजनन करने की क्षमता नष्ट हो जाती है।

उपचार के बाद, सौम्य ट्यूमर 18 महीने से दो साल तक की अवधि में सिकुड़ते हैं। घातक और मेटास्टैटिक ट्यूमर अधिक तेज़ी से कम हो सकते हैं बल्कि कुछ महीनों में भी । धमनीविस्फार संबंधी विकृतियां (एवीएम) उपचार के बाद कई वर्षों की अवधि ले सकती हैं।

कई ट्यूमर स्थिर और निष्क्रिय रहेंगे लेकिन यह कोई समस्या नहीं है – असली उद्देश्य तो प्राप्त किया जा चुका होता है क्योंकि ट्यूमर के विकास को रोक दिया जाता है।

ध्वनिक न्यूरोमा जैसे ट्यूमर में, एसआरएस के बाद एक अस्थायी वृद्धि देखी जा सकती है। यह ट्यूमर ऊतक के भीतर सूजन के कारण होता है, लेकिन यह जल्द ही सामान्य हो जाता है।

रेडियोसर्जरी को रैखिक त्वरक (LINAC) एसआरएस का उपयोग करके भी किया जा सकता है, जो गामा नाइफ प्रक्रिया के समान है। लेकिन गामा नाइफ के विपरीत – जो प्रक्रिया के दौरान गतिहीन रहता है – एलआईएनएसी मशीन का एक हिस्सा होता है (जिसे गैन्ट्री कहा जाता है) जो रोगी के चारों ओर घूमता है और विभिन्न कोणों से सटीक विकिरण किरणों को प्रक्षेपित करता है।

स्टीरियोटैक्टिक रेडियोसर्जरी टीम:

स्टीरियोटैक्टिक रेडियोसर्जरी थेरेपी टीम में कई चिकित्सा विशेषज्ञ होते हैं, जिनमें एक न्यूरोसर्जन, विकिरण ऑन्कोलॉजिस्ट, रेडियोलॉजिस्ट, विकिरण चिकित्सक, चिकित्सा विकिरण भौतिक विज्ञानी, डॉसिमिस्ट्रिस्ट और विकिरण चिकित्सा नर्स शामिल होते हैं।

विकिरण ऑन्कोलॉजिस्ट या एक न्यूरोसर्जन टीम का नेतृत्व करता है और उपचार की देखरेख करता है। वे उपचार के लिए लक्ष्य या लक्ष्यों को रेखांकित करते हैं, विकिरण खुराक पर निर्णय लेते हैं, उपचार की रणनीति को अंतिम रूप देते हैं और रेडियोलॉजिकल प्रक्रियाओं के परिणामों की व्याख्या करते हैं।

कोई न्यूरोलॉजिस्ट या न्यूरो-ऑन्कोलॉजिस्ट विशिष्ट रोगी के लिए अनुकूलित उपचार विकल्पों पर विचार करने के लिए विकिरण ऑन्कोलॉजिस्ट और न्यूरोसर्जन के साथ काम कर सकता है। वे यह तय करने में मदद करते हैं कि क्या रोगी मस्तिष्क में घावों के लिए रेडियोसर्जरी से लाभ उठा सकता है।

दुष्प्रभाव:

दुष्प्रभाव उपचार के कारण हो सकता है, जैसे कि उपचार क्षेत्र में स्वस्थ कोशिकाओं को विकिरण से क्षति पहुंचना।

विकिरण चिकित्सा के बाद प्रारंभिक दुष्प्रभावों में थकान और त्वचा की समस्याएं शामिल हो सकती हैं। उपचार क्षेत्र में त्वचा लाल, खुश्क या अतिरिक्त संवेदनशील तथा उसमें सूजन हो सकती है; उसमें सूखापन, खुजली, और छाले भी हो सकते हैं।

अन्य प्रारंभिक दुष्प्रभाव (शरीर में उपचार स्थान के आधार पर) में शामिल हो सकते हैं:

  • सिर दर्द
  • उपचार क्षेत्र में बालों का झड़ना
  • उपचार क्षेत्र में दर्द और सूजन
  • मुंह की समस्याएं और निगलने में कठिनाई
  • खाने और पाचन की समस्या
  • दस्त
  • मूत्र और मूत्राशय में परिवर्तन
  • मतली और उल्टी

दुष्प्रभाव आमतौर पर कुछ हफ्तों के भीतर गायब हो जाते हैं। कभी-कभी देर से दुष्प्रभाव दिखते हैं, जो महीनों या वर्षों बाद भी दिखाई दे सकते हैं लेकिन ऐसा बहुत कम होता है। उनमें मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी, फेफड़े, गुर्दे, बृहदान्त्र और मलाशय में परिवर्तन शामिल हैं। देर से दुष्प्रभाव भी माध्यमिक कैंसर, बांझपन, जोड़ों को नुकसान, और हड्डी के फ्रैक्चर को जन्म दे सकता है।

रेडिएशन थेरेपी से कैंसर विकसित होने का थोड़ा बहुत जोखिम होता है। विकिरण उपचार प्राप्त करने वाले कैंसर रोगी को नियमित रूप से विकिरण ऑन्कोलॉजिस्ट से परामर्श करने की सलाह दी जाती है। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि कैंसर या नए कैंसर की पुनरावृत्ति न हो।

डॉ. दिलीप दत्ता | सलाहकार न्यूरोसर्जरी | नारायणा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल, हावड़ा।

Side Effects of Stereotactic Radiosurgerystereotactic radiosurgeryStereotactic Radiosurgery risksStereotactic Radiosurgery treatmenttraditional therapyUse of stereotactic radiosurgery
0 comment
0
FacebookTwitterPinterestWhatsapp
previous post
Amenorrhea: Causes and symptoms
next post
Covid 19 Management in Children

You may also like

Neck Pain & Cervical Spondylosis

June 24, 2021

ब्रेन ट्यूमर और ब्रेन ट्यूमर का हाल में...

June 14, 2021

Brain Tumour

June 8, 2021

Effects of Covid 19 on patients of Brain...

June 8, 2021

पीठ दर्द: कारण और निवारक उपाय

April 18, 2021

Hydrocephalus Types, Symptoms, Treatment: All You Need To...

March 11, 2021

Brain Angiogram: Why Is It Done?

January 7, 2021

Amyotrophic Lateral Sclerosis: Symptoms & Treatment

December 29, 2020

Walking same day after Spine Surgery

December 12, 2020

Road to Recovery After Brain Surgery

May 20, 2020

QUICK LINKS

Book an Appointment

Find a Doctor

Hospitals

Medical Services

About NH

Narayana Health

Narayana Health is headquartered in Bengaluru, India, and operates a network of hospitals across the country, with a particularly strong presence in the southern state of Karnataka and eastern India, as well as an emerging presence in northern, western and central India. Our first facility was established in Bengaluru with approximately 225 operational beds and we have since grown to 23 hospitals, 7 heart centres, 19 primary care facilities across India and an international hospital in the Cayman Islands.

Keep In Touch

Facebook Twitter Instagram Linkedin Youtube Telegram

Popular Posts

  • 1

    Boosting your Immune System against Coronavirus: How to minimize the risk of...

    April 2, 2020
  • 2

    How to maintain a Balanced Diet

    September 3, 2019
  • 3

    Coronavirus Testing – How to Test for Coronavirus? – Different Types of Tests

    March 13, 2020
  • 4

    Importance of Balanced Diet in a Healthy Lifestyle

    November 22, 2019

Categories

  • Aids (5)
  • Bengali (1)
  • Blood Pressure (4)
  • Bone Marrow Transplant (12)
  • Breast Cancer (28)
  • Cancer (48)
  • Cardiac Surgery (23)
  • Cardiology (234)
  • Coronavirus (110)
  • Dental Sciences (2)
  • Dermatology (19)
  • Diabetes (37)
  • E. N. T – Paediatric (7)
  • E. N. T. (9)
  • ECMO (1)
  • Endocrinology (13)
  • Gastroenterology (101)
  • General Health (128)
  • General Surgery (4)
  • Gynaecology (86)
  • Haematology (6)
  • Health Nuggets (44)
  • Healthy Life (3)
  • Hepatology (16)
  • Hindi (7)
  • Infectious Diseases (4)
  • Kidney (5)
  • Liver (30)
  • Medical Oncology (2)
  • Mental Health (4)
  • Narayana Health (700)
  • Nephrology (89)
  • Neurology (160)
  • Neurosurgery (30)
  • News (6)
  • NH services (7)
  • Nutrition and Diet (27)
  • Oncology (159)
  • Organ Donation (1)
  • Orthopaedics (156)
  • Paediatric Cardiology (12)
  • Paediatric Liver Transplant (1)
  • Paediatric Oncology (3)
  • Paediatric Surgery (7)
  • Paediatrics (78)
  • Pain & Palliative Care (4)
  • Pregnancy (9)
  • Psychology (5)
  • Pulmonology (41)
  • Radiation Oncology (9)
  • Rheumatology (4)
  • Services (3)
  • Spine Surgery (31)
  • Stroke (7)
  • Swine Flu (1)
  • Transplant (1)
  • Urology (46)
  • Vascular Surgery (11)

Follow us

QUICK LINKS

Find a Doctor

Book an Appointment

Make an Enquiry

Feedback

Hospitals

Blogs

Privilege card

Heart Rhythm Disorder

NH CARES

Hernia

Lung Cancer

Brain Tumour

Liver Cancer

Heart Attack

Urinary Problems

Heart Transplant

Kidney Transplant

Bone Marrow Transplant

Pulmonary Hypertension

CENTRES OF EXCELLENCE

Liver Transplant & HPB Surgery

Cardiology

Cardiac Surgery

Neurology

Neurosurgery

Orthopaedics

Robotic Surgery

Vascular Surgery

Nephrology

Radiation Oncology

MEDICAL PROFESSIONALS

Academics

Clinical Research

NH Colleges

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER

Subscribe to our Newsletter for new blog posts, tips & new photos. Let's stay updated!

About Narayana Health

|

Stakeholder Relations

|

News & Media Relations

|

Awards and Accreditations

|

Leadership

|

Careers

|

CSR

|

Sitemap

© Narayana Hrudayalaya Ltd | All rights reserved
NPPA Implant Pricing     Terms & Conditions     Privacy Policy     Disclaimer

Book Online Consultation