जबकि 80% लोग अपने जीवनकाल में कम से कम एक बार पीठ दर्द का अनुभव करते हैं, अच्छी बात यह है कि उनमें से 95% लोगों में यह ठीक हो जाता है। हालांकि पीठ के दर्द को दूर रखने के लिए अच्छे स्वास्थ्य, उचित वजन, सही मुद्रा और पर्याप्त व्यायाम की आवश्यकता होती है। दवा और फिजियोथेरेपी पीठ दर्द के अधिकांश मामलों में राहत दे सकती है।
कब पीठ और गर्दन के दर्द को गंभीरता से लेना है और विशेषज्ञ की राय लेनी है:
- दर्द 3 सप्ताह से अधिक समय तक रहता है या हर दूसरे महीने हो जाता है
- प्रारंभ में गंभीर पीठ दर्द/गर्दन में दर्द और अकड़न जिससे गतिशीलता में रुकावट
- हाथों या पैरों में सुन्नता या उत्तेजना में कमी
- हाथ और पैर की कमजोरी -हाथ से सामना का गिरना/चप्पल फिसलना
- मल-मूत्र त्यागने या रोकने में कोई कठिनाई
- याद रखने के लिए महत्वपूर्ण: पीठ दर्द रीढ़ की हड्डी के कारणों के अलावा भी हो सकता है। हमेशा एक अनुभवी रीढ़ की हड्डी विशेषज्ञ से मिलें यदि लक्षण बने रहते हैं
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यदि किसी में पीठ दर्द होने की ज्यादा संभावना है तो वे क्या करें और क्या ना करें:
जबकि रीढ़ की समस्याओं के लिए विशेषज्ञ की राय लेना आवश्यक है, कुछ उपाय पीठ दर्द को रोक सकते हैं या राहत दे सकते हैं.
- कभी भी वजन या वस्तुओं को लेने के लिए आगे न झुकें। अपने घुटनों पर झुकें और रीढ़ को सीधा रखते हुए उठाएँ
- लंबे समय तक नहीं बैठें। हर घंटे छोटे ब्रेक लें और कुछ मिनटों के लिए चलें
- बैठने के दौरान अपनी पीठ को सहारा दे और अगर जरूरत हो तो गद्दा रखें
- लंबे समय तक सोफे पर झुक कर बैठने से बचें
- गाड़ी चलाते समय स्टीयरिंग के करीब रहें ताकि आप अपने घुटनों से क्लच या ब्रेक दबाएं और अपनी पीठ को तनाव न दें
- यदि आप लंबे समय तक पढते-लिखते रहते हैं तो 30-डिग्री डेस्कटॉप स्लांट का इस्तेमाल करें
- कार्यालय में लैपटॉप के बदले डेस्कटॉप का उपयोग करें और इसे सामने रखें
- यदि लंबे समय तक लैपटॉप का उपयोग करते हैं, तो स्लेंटेड स्टैंड का उपयोग करें। आपके लैपटॉप का उपरी भाग आपके सिर के समांतर होना चाहिए
डॉ अनुराग सक्सेना, वरिष्ठ सलाहकार – न्यूरोसर्जरी और स्पाइन सर्जरी, नारायणा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल, गुरुग्राम