लिविंग किडनी डोनर की जीवन प्रत्याशा: डोनेशन के बाद क्या उम्मीद रखें?
डोनेशन साहस से भरा काम है और इसके लिए पीड़ित के रिश्तेदार (प्राप्तकर्ता) को अंग डोनेट करने के लिए दृढ़ संकल्प और समर्पण की आवश्यकता होती है। डोनर किसी भी लिविंग डोनर ट्रांसप्लांट कार्यक्रम के तहत सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति है। चिकित्सक के रूप में डोनर की सुरक्षा प्रत्यारोपण के दौरान और उसके पूरे जीवन काल के दौरान हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण है। डोनेशन से पहले डोनर को संपूर्ण मूल्यांकन पद्धति से गुजरना पड़ता है। इस मूल्यांकन के दौरान, यदि ऐसा कुछ पाया जाए जो भविष्य में उसकी भलाई को किसी भी तरह से नुकसान पहुँचा सकता है, तो संपूर्ण प्रक्रिया को तत्काल रोक दिया जाता है। प्रस्तुत लेख डोनेशन के बाद के जीवन पर जोर देने के साथ – साथ डोनेशन की प्रक्रिया के प्रमुख विशेषताओं को सामने रखेगा।
डोनेशन के लिए किस किडनी को निकाला जाता है?
प्रत्येक व्यक्ति के पेट के अंदर, पीछे के हिस्से में, छाती की पसलियों के बीच में दोनों तरफ किडनी का एक जोड़ी स्थित होता है। दोनों किडनी कम या ज्यादा समान रूप से कार्य करते हैं और किसी भी स्वस्थ व्यक्ति की कोई भी एक किडनी डोनेट किया जा सकता है। डोनर मूल्यांकन के लिए प्रत्येक किडनी के स्प्लिट फंक्शन का आकलन रेनोग्राम नामक एक परीक्षण के द्वारा किया जाता है। इसके आधार पर, देखभाल के मानक के अनुसार, बेहतर काम कर रहे किडनी को डोनर के साथ छोड़ दिया जाता है।
क्या एक किडनी दोनों किडनियों का कार्य करने में सक्षम है?
जब एक किडनी डोनेशन के लिए हटा दिया जाता है तब शेष किडनी “प्रतिपूरक अतिवृद्धि” के रूप में जानी जाने वाली प्रक्रिया से गुजरती है, अर्थात यह आकार में बढ़ जाती है और अन्य किडनी के कार्य को संभाल लेती है। डोनर डोनेशन के बाद सामान्य जीवन जीता है।
डोनेशन के इस पूरे प्रक्रिया में कितना समय लगता है?
आमतौर पर डोनेशन की पूरी प्रक्रिया में 2-3 सप्ताह का समय लगता है। इसमें पूर्ण प्री-ऑपरेटिव वर्क-अप, कानूनी दस्तावेजों की तैयारी, उपयुक्त समिति द्वारा अनुमति प्रदान करना तथा सर्जरी शामिल है।
सर्जरी के बाद अस्पताल में रहने और रिकवरी में कितना समय लगता है?
सर्जरी से एक दिन पहले डोनर को भर्ती किया जाता है। किडनी को मिनिमली इनवेसिव तरीके से यानी किहोल के माध्यम से हटाया जाता है। नतीजतन, कम से कम दर्द होता है, रिकवरी तेजी से होता है और सर्जरी के बाद इस संबंध में किसी भी तरह का कोई समस्या नहीं होता है। डोनर को आमतौर पर 3-4 दिनों के बाद छुट्टी दे दी जाती है। टांके गलने वाले होते हैं और उन्हें अलग से हटाने की आवश्यकता नहीं पड़ती। सर्जरी का निशान कुछ समय के बाद ना के बराबर दिखता है। डिस्चार्ज के समय कुछ दिनों के लिए कुछ दवाएं जैसे एंटीबायोटिक्स, एंटासिड और दर्द निवारक दवाएं दी जाती हैं और लंबे समय तक दवाओं की आवश्यकता नहीं पड़ती (प्राप्तकर्ता के विपरीत)। डोनर 7 दिनों के अंदर अपने काम पर लौट सकते हैं, हालाँकि यह पूरी तरह से व्यक्ति पर निर्भर करता है।
सर्जरी के बाद फॉलो – अप कैसे होता है?
एक अच्छी तरह से डिज़ाइन किया गया फॉलो – अप किसी भी सर्जरी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। यह डोनर के लिए अनिवार्य है; अगर उस किडनी का ठीक से ख्याल नहीं रखा गया तो बाद में मुश्किल हो सकता है। अधिकांश ट्रांसप्लांटेशन सेंटर में अच्छी तरह से डिज़ाइन फॉलो – अप प्रोटोकॉल होता हैं। डोनर को डोनेशन के बाद 1-महीने, 3-महीने तदोपरांत वार्षिक अंतराल पर नियमित रूप से फॉलो-अप के लिए आना होता है। प्रत्येक विजिट पर डोनर की भलाई सुनिश्चित करने के लिए कुछ परीक्षणों की आवश्यकता हो सकती है। अध्ययनों से पता चलता है कि नियमित फॉलो-अप से डोनर की आबादी लंबे समय तक स्वस्थ रहता है और अपने सामान आयु वाले आबादी की तुलना में जीवन की गुणवत्ता बेहतर होती है।
डोनेशन के बाद जीवन में किसी भी मेडिकल या सर्जिकल बीमारी के मामले में मुझे क्या करना चाहिए?
यदि डोनर को किसी भी तरह का स्वस्थ संबंधी समस्या होता है (डोनर सर्जरी या डोनेशन की क्रिया से इतर), जैसे कि दस्त की तरह साधारण हो या तीव्र एपेंडिसाइटिस हो जिसमें आपातकालीन सर्जरी की आवश्यकता हो। किसी भी स्थिति में घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि आप इस बीमारी में उतने ही सामान्य हैं जितने कि कोई अन्य व्यक्ति। बिना किसी देरी के अपने पारिवारिक चिकित्सक से सलाह लें। कृपया चिकित्सक को अपने डोनेशन के बारे में बताएं और ये भी बताएं की आपके पास केवल एक ही किडनी है। यह उन्हें आपकी समस्याओं को बेहतर तरीके से प्रबंधित करने में मदद करेगा और वह उन दवाओं से बचने की कोशिश करेंगे जो किडनी के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
मुझे किन सावधानियों को अपनाने की आवश्यकता है जिससे मेरी बाकी की किडनी जीवन भर स्वस्थ रहे?
पहले बताए गए अनुसार आपको नियमित रूप से अपने चिकित्सक के निगरानी में रहने की आवश्यकता है। इसके अलावा, दर्द निवारक दवाओं जैसी किसी भी ओवर-द-काउंटर दवाओं से बचें। आपको किसी भी तरह के सामान्य बीमारियों के लिए दवाएं लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। सुनिश्चित करें कि आप पानी अच्छे से और नियमित रूप से पीते हैं । इन सावधानियों को अपनाने से आप स्वस्थ जीवन जीना सुनिश्चित करते हैं।
किसी को जीवन देना ईश्वरीय कार्य है। दुनिया को यह अमूल्य तोहफा देने का मौका मत छोड़िए। ऐसे लोगों से बात करें जो डोनर हैं, उन तक पहुँचने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लें। लिविंग डोनेशन के संबंध में जितना संभव हो उतना जानकारी संग्रहित करें। प्रेरणा बनें, नायक बनें…एक डोनर बनें !!!
डॉ. विकास जैन, डायरेक्टर और सीनियर कंसलटेंट – किडनी ट्रांसप्लांट – एडल्ट, किडनी ट्रांसप्लांट – पीडियाट्रिक, यूरोलॉजी, धर्मशीला नारायणा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल, दिल्ली और नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, गुरुग्राम
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