मीनोपॉज क्या है?
इसे महिलाओं के जीवन में एक ऐसे समय के रूप में परिभाषित किया जाता है जहां से उनका मासिक धर्म आना बंद हो जाता है। जब किसी महिला को लगातार 12 महीने के बीच कोई मासिक धर्म नहीं आता। महिलाओं के जीवन में ये चक्र 40 से 60 साल के उम्र में आता है।
मीनोपॉज बढ़ते उम्र के साथ जुड़ा हुआ है, वैसे हीं स्त्री रोग संबंधी कैंसर का खतरा भी इस दौरान बढ़ जाता है।
स्त्री रोग कैंसर क्या हैं?
मेमोरियल केयर के अनुसार, स्त्रीरोग संबंधी कैंसर अनियंत्रित और असामान्य कोशिकाओं का फैलाना है जो किसी महिला के प्रजनन अंग से उत्पन्न होता है। स्त्रीरोगों कैंसर कई प्रकार के होते हैं जिनमें सर्वाइकल, गेस्टेशनल ट्रोफोब्लास्टिक डिज़ीज़ (जीटीडी), प्राइमरी पेरिटोनियल, ओवेरियन, यूटरिन / एंडोमेट्रियल, वजाइनल और वूल्वर कैंसर शामिल हैं।
स्त्रीरोग से जुड़े खतरे:
- बच्चे न होना
- मेन्स्ट्रूऐशन का जल्दी आना (12 से पहले) तथा देर से मीनोपॉज (55 के बाद)
- डाइअबीटीज़
- ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) संक्रमण
- धूम्रपान
- एचआईवी संक्रमण या कमजोर इम्यून सिस्टम
- मोटापा
- स्तन या स्त्री रोग संबंधी कैंसर का पिछला इतिहास
- बड़ी उम्र
- पारिवारिक इतिहास
- ओरल बर्थ कण्ट्रोल / प्रजनन दवाओं का उपयोग
- एस्ट्रोजेन थेरेपी
- अत्यधिक वसा युक्त खाना
- पेल्विक एरिया रेडिएशन
मीनोपॉज, स्त्री रोग संबंधी कैंसर के बढ़ते खतरे से संबंधित है कैसे?
इस संबंध का पता लगाने के लिए बहुत सारे अध्ययन किए गए हैं। जिनमें से अधिकांश ने बताया है कि मासिक धर्म के दौरान जैविक एस्ट्रोजेन काफी मात्रा में निकलता है जिससे जब प्रोजेस्टेरोन संतुलित नहीं कर पता तो ऐसे में स्त्री रोग सेल्स की माइटोटिक गतिविधि बढ़ सकती है। महिला हार्मोन की अधिकता डीएनए-डैमेजिंग की संभावना को बढ़ा देते हैं (जैसे कि माइटोटिक गतिविधि, डीएनए रेप्लिकेशन और सोमेटिक म्युटेशन)। इससे फिक्स्ड म्युटेशन हो सकता है जो अंत में कैंसर का निर्माण कर सकता है। जिन महिलाओं को मीनोपॉज लेट से आता है उनमें हार्मोन का स्तर अधिक होता है और इसके रुकने से पहले एस्ट्रोजेन के संपर्क में अधिक समय तक रहता है। इसके अलावा, जिन महिलाओं को मीनोपॉज लेट तक रहता हैं उनमें ओवलटोरी चक्र के साथ प्रोजेस्टेरोन की कमी आम रूप से देखा जाता है, यह भी स्त्रीरोग संबंधी कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है।
स्त्रीरोग संबंधी कैंसर से जुड़े मीनोपॉज के दौरान क्या हार्मोनल थेरेपी दिया जा सकता है?
मीनोपॉज के दौरान हार्मोनल थेरेपी अच्छे स्वास्थ्य के लिए मीनोपॉज के लक्षणों को बढ़ाने के लिए दी जाती है। जैसे पसीना आना, हॉट फ्लैशेस आदि। यह ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे को भी कम करता है।
हालाँकि बहुत सारे अध्ययनों से हार्मोनल थेरेपी और स्तन कैंसर के बीच के संबंध का पता चला है। स्तन कैंसर के अलावा, कुछ अध्ययनों से ओवेरियन कैंसर के खतरे की भी पुष्टि हुई है। लम्बे समय तक हार्मोनल थेरेपी लेने से भी कैंसर का खतरा बढ़ता है।
हार्मोनल थेरेपी लेने से पहले डॉक्टर से उचित सलाह लें और इसका एप्लीकेशन और लाभ काफी व्यक्तिगत होता है।
कैंसर के जोखिम को बढ़ाए बिना मीनोपॉज प्रबंधन के हार्मोनल थेरेपी से अलग क्या विकल्प हैं?
कुछ एंटी-डिप्रेसेंट्स बिना किसी नुकसान के मीनोपॉज के लक्षणों से निपटने में हमारी मदद करते हैं। कुछ वजाइनल मॉइस्चराइज़र और लुब्रिकेंट्स का उपयोग आवश्यकतानुसार किया जा सकता है।
दवा के अलावा, जीवन शैली में कुछ बदलाव लाने से मीनोपॉज के लक्षणों को खत्म करने में लाभ मिलता हैं।
- शावर से ठीक पहले भोजन और पेय पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। शावर के बाद कॉफी, हॉट फ्लैशेस में राहत पहुंचाता है।
- नियमित शारीरिक गतिविधि – इसमें कार्डियो गतिविधियों जैसे – ज़ुम्बा, तैराकी, साइकिल चलाना आदि शामिल है। तेज चलना भी एक उत्तम व्यायाम है।
- तनाव कम करना – ध्यान और अन्य तनाव कम करने वाली गतिविधियों को अपनाएं।
- पर्याप्त नींद लें।
- हॉट फ्लैश को चाय, कॉफी और शराब बढ़ाता है।
- धूम्रपान छोड़ें।
स्त्री रोग संबंधी कैंसर को रोकने के लिए मैं क्या कर सकता हूँ?
जब कारण ज्ञात नहीं हो तो आप स्त्री रोग संबंधी कैंसर को सीधे नहीं रोक सकते हैं। हालाँकि आप स्वस्थ जीवन शैली अपनाकर उपरोक्त साझा की गई सभी गतिविधियों का अभ्यास करके इससे संबंधित जोखिमों को समाप्त कर सकते हैं। वजन कम करने से कैंसर का खतरा कम होता है।
याद रखें कि इस संबंध में जानकारी रोकथाम का पहला कदम है और स्त्री रोग संबंधी कैंसर के मामले में रोकथाम एकमात्र हस्तक्षेप है।
डॉ. सतिंदर कौर, सीनियर कंसलटेंट, गायनेकोलॉजी – ऑन्कोलॉजी, ऑन्कोलॉजी, नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, गुरुग्राम