क्या यह वास्तव में मौजूद है?
भारत में स्कूल जाने वाले बच्चों में आवश्यक उच्च रक्तचाप (essential hypertension) के लिए स्क्रीनिंग के अध्ययन में 0.46–11.7% का व्यापक वितरण (prevalence distribution) देखा गया गया है जिसमें 141–60 सेमी की ऊंचाई वाले बच्चों के समूह में और 41-45 किलोग्राम के वजन वाले समूह में उच्च रक्तचाप के मामलों की संख्या सबसे अधिक पाई गई है। इन उच्च रक्तचाप वाले बच्चों में मोटापा 13.5% था।
इसकी गणना कैसे की जाती है?
यह एक बच्चे का रक्तचाप है जो उस श्रेणी (उम्र, लिंग और ऊंचाई) के लगभग सभी बच्चों के रक्तचाप से अधिक है।
बच्चों में उच्च रक्तचाप का कारण:
बच्चों के उच्च रक्तचाप दो प्रकार के होते हैं प्राथमिक जो आमतौर पर 6 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों में होता है। निम्न कारणों से –
- बढ़ा हुआ वजन
- खराब पोषण
- शारीरिक गतिविधि की कमी
- पारिवारिक इतिहास
- उच्च कोलेस्ट्रॉल
- उच्च नमक का सेवन
- धूम्रपान (स्वयं या दूसरा के द्वारा)
माध्यमिक उच्च रक्तचाप जो ज्यादातर 6 साल से कम उम्र के बच्चों में होता है। इसके अंतर्निहित कारण हैं –
- किडनी की बीमारी जैसे पॉलीसिस्टिक किडनी, रीनल आर्टरी स्टेनोसिस
- हृदय दोष (Heart defects) कार्कटशन ऑफ़ अरोटा
- हार्मोनल विकार जैसे एड्रेनल डिसऑर्डर, हाइपरथायरायडिज्म
- एड्रेनल ग्लैंड का ट्यूमर
- नींद संबंधी विकार
- कुछ दवाएं, जैसे डीकॉन्गेस्टेंट, स्टेरॉयड आदि
- ड्रग्स, जैसे कोकीन
लक्षण:
ज्यादातर ऐसिम्प्टमैटिक लेकिन कुछ गंभीर मामलों में ये संकेत ह्यपरटेंसीवे क्राइसिस का हो सकता है –
- सिरदर्द
- सीश़र
- उल्टी
- छाती में दर्द
- फ़्लिकेरिंग दिल की धड़कन महसूस करना
- तेजी से साँस लेना
पहचान:
- बातचीत
- मेडिकल इतिहास
- पारिवारिक इतिहास
- खाने की आदतें और
- गतिविधि की स्थिति
- शारीरिक परीक्षण
- स्फिग्मोमनामिटर के माध्यम से रक्तचाप माप (कई बार)
- ब्लड टेस्ट – ब्लड शुगर, सीबीसी, किडनी फंक्शन टेस्ट
- मूत्र परीक्षण
- अल्ट्रासोनोग्राफी किडनी यदि बिल्कुल हो
- इकोकार्डियोग्राम
- एक पूरे दिन के लिए एक पॉकेट डिवाइस के माध्यम से एम्बुलेटरी मॉनिटरिंग
उपचार:
- प्रारंभिक चरण की बीमारी का उपचार जीवन शैली में बदलाव लाकर किया जा सकता है –
- कम सोडियम, उच्च पोटेशियम, कम वसा वाले आहार
- शारीरिक गतिविधि में वृद्धि
- स्वस्थ आदतें
- गंभीर मामलों में जीवनशैली में बदलाव से राहत नहीं मिलता फिर दवाओं द्वारा इलाज किया जाता है। जैसे –
- एंजियोटेंसिन – कंवर्टिंग एंजाइम (एसीई) इन्हिबिटर्स – रक्त वाहिकाओं को फैलाने वाले प्राकृतिक पदार्थ के निर्माण को रोककर रक्त वाहिकाओं को आराम देते हैं।
- बीटा ब्लॉकर्स – इन्हें आमतौर पर शुरू में अनुशंसित नहीं किया जाता है।
- डाइयुरेटिक – पेशाब में वृद्धि और सोडियम में कमी
- एंजियोटेंसिन II रिसेप्टर ब्लॉकर्स। रक्त वाहिकाओं ( blood vessels) को फैलाने वाले एक प्राकृतिक रसायन को अवरुद्ध करके रक्त वाहिकाओं को आराम देने में मदद करते हैं
- कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स। रक्त वाहिकाओं की मांसपेशियों को आराम देते हैं।
उपरोक्त दवाओं का बच्चे के विकास पर कोई हानिकारक प्रभाव नहीं देखा गया है।
निवारण:
- आप क्या करते हैं, बच्चे उनका ज्यादा पालन करते हैं और न कि आप क्या कहते हैं। सुनिश्चित करें कि आप सभी स्वस्थ जीवन शैली का अभ्यास करते हैं। बच्चों के आसपास बिल्कुल भी धूम्रपान न करें। अपने बच्चों के सामने व्यायाम करें। मेरी बेटी घर पर सूर्य नमस्कार का अभ्यास करती है। बॉल, हाइकिंग या साइक्लिंग जैसी गतिविधियाँ करने का प्रयास करें।
- डीएएसएच (उच्च रक्तचाप को रोकने के लिए आहार दृष्टिकोण) का उपयोग उच्च रक्तचाप को प्रबंधित करने के लिए किया जाता है।
- कम सोडियम – एक दिन में 1,200 मिलीग्राम से कम।
- उच्च पोटेशियम।
- फलों, सब्जियों और साबुत अनाज भोजन में अधिक लेना –
- कम ‐ वसा वाले डेयरी उत्पाद
- अधिक द्रव सेवन को प्रोत्साहित करें
- पैक्ड प्रोसेस्ड और फास्ट फूड से परहेज करें। आप बच्चों को ‘चीट डे’ दे सकते हैं जिस दिन वो थोड़ा जंक फ़ूड ले सकें।
- वजन कम करें और इसे बनाए रखें। लगभग 20 पौंड वजन में कमी से सिस्टोलिक रक्तचाप को लगभग 10 से 20 मिमी एचजी तक कम करता है।
- मिक्स एक्सरसाइज का रूटीन – जैसे खेलना, दौड़ना, डांस करना, गार्डनिंग या उन्हें जो पसंद हो। इसने रक्तचाप को 5 से 8 मिमी एचजी तक कम करते हैं।
- स्क्रीन टाइम पर प्रतिबंध – सेल फोन, वीडियो गेम और टीवी बच्चों के निष्क्रिय, गतिहीन और परिणामस्वरूप मोटे होने का सबसे बड़ा कारण है। स्क्रीन टाइम की सीमा निर्धारित करने से स्वस्थ आदतों को विकसित करने में मदद मिलती है।
- उनके स्कूल की गतिविधियों, दोस्तों, स्कूल में खाने आदि पर भी नज़र रखें।
- तनाव के स्तर को कम करें – उनके सामने लड़ाई न करें, उन्हें चिल्लाएं या मारें नहीं, अपनी बातों का पालन करवाने के लिए गैर-तनावपूर्ण तरीके आजमाएं, जैसे कि उनसे बात न करना आदि। उनके तनाव के बारे में उनसे बात करें जैसे उनका होमवर्क या कुछ चीज जो ठीक न हो।
जीवनशैली एक रोकथाम, बचपन के उच्च रक्तचाप के मामले में एक हस्तक्षेप और एक इलाज है। यह बड़े प्रभावी रूप से यह आपके बच्चे को उच्च रक्तचाप के चुंगल से छुड़ाता है, अगर इनसे राहत नहीं मिलता तो फिर मेडिकल केयर की आवश्यकता होगी।
डॉ. मृदुल चंद्र दास, कंसलटेंट – गैस्ट्रोएंटरोलॉजी एंड हेपाटोलॉजी – पेडियेट्रिक, पेडियाट्रिक्स, नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, गुरुग्राम