भारत में 30 मिलियन से अधिक लोगों डायबिटीज की पहचान की गई है। इसीलिए वजह से भारत को दुनिया का डायबिटीज की राजधानी कहा जाता है। भारत के शहरी इलाकों में सीपीआर (क्रूड का प्रचलन दर) 9 फीसदी पाया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में, कुल आबादी का लगभग 3 प्रतिशत में ये पाया गया है।
वजन घटाने की सर्जरी क्या है?
विकिपीडिया के वजन घटाने या बेरिएट्रिक सर्जरी के अनुसार मोटापे से ग्रस्त लोगों पर कई तरह की सर्जिकल प्रक्रियाएँ की जाती हैं। वजन घटाने के लिए ज्यादातर गट हार्मोन के स्तर में बदलव करते हैं जो भूख और तृप्ति के लिए जिम्मेदार होते हैं, इस प्रक्रिया से आगे एक नया हार्मोनल वजन सेट पॉइंट बन जाता है। इसमें गैस्ट्रिक बाईपास और अन्य वजन घटाने से संबंधित सर्जरी शामिल हैं।
वजन घटाने की सर्जरी की सिफारिश कब की जाती है?
ऐसी सर्जरी की सिफारिश उन मामलों में की जाती है जो आपके स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकते हैं।
डायबिटीज टाइप 2 एक ऐसी स्थिति है जहां पैन्क्रीअस पर्याप्त इंसुलिन पैदा करता है लेकिन शरीर इसका उपयोग करने में सक्षम नहीं होता। डायबिटीज एक सिंड्रोम है जो कई रोगों को जन्म दे सकता है जैसे अंधापन, हृदय और रक्त वाहिका रोग, स्ट्रोक, किडनी फेलियर, नर्व डैमेज और गंभीर मामलों में ऐम्प्यटैशन जैसे। समकालीन थेरेपी प्रक्रियें डायबिटीज के प्रबंधन में करने में हमेशा सफल नहीं होती है। ऐसी स्थिति में वजन कम करने वाली सर्जरी हीं एक रास्ता बचता है।
वजन घटाने का सर्जरी कौन करता है?
एक बेरिएट्रिक सर्जन वह है जो वजन घटाने के सर्जरी को अंजाम देता है। वजन घटाने के सर्जरी के टीम में एक एंडोक्रिनोलॉजिस्ट, एक सामान्य सर्जन, कार्डियोलॉजिस्ट और एक फिज़िशन शामिल होते हैं।
सर्जरी के लिए तैयारी –
मरीजों का मूल्यांकन इस आधार पर होता है:
जब आप आहार और व्यायाम के लिए तैयार हो जाते हैं तो आगे की गतिविधि शुरू की जाती है।
इसकी 2 प्रक्रियाएं हैं –
आपके डॉक्टर की टीम आपको बताएगी की आपके मामले में आपके लिए कौन सी प्रक्रिया उपयुक्त होगा। सर्जरी के बाद आप को दो दिनों तक किसी भी तरह का खाना नहीं खाना होता।
सर्जरी के बाद मुझे क्या सावधानियां बरतनी होगी?
बैरिएट्रिक सर्जरी के जोखिम –
लंबे समय तक रहने वाले खतरे और जटिलताओं:
भारतीय में विभिन्न केंद्रों से प्राप्त परिणामों ने पुष्टि की है कि 80% तक लोगों में सर्जरी के बाद डायबिटीज के कोई लक्षण नहीं पाए गए हैं। इसके अलावा, लोग आमतौर पर अपने अतिरिक्त वजन का 60% से 80% तक कर पाते हैं। इन प्रक्रियाओं से लोगों के जीवन में गुणात्मक बदलाव आया है। बेरिएट्रिक सर्जरी के छह साल बाद भी, 62% में डायबिटीज के कोई लक्षण नहीं पाए गए हैं। इनके रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड का स्तर भी संतोष जनक था। इसकी तुलना में दवा पर रहने वालों में से केवल 6-8% लोगों में हीं ऐसे परिणाम देखे गए हैं।
डॉ. विकास कपूर, सीन्यर कंसल्टेंट – गैस्ट्रोएंटरोलॉजी – सर्जिकल, जनरल सर्जरी, नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, गुरुग्राम
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